• criminal intimidation | |
आपराधिक: criminally criminal culpable | |
अभित्रास: criminal intimidation intimidation misbehaviour | |
आपराधिक अभित्रास अंग्रेज़ी में
[ aparadhik abhitras ]
आपराधिक अभित्रास उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास कारित किया?
- इसी प्रकार भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 के आरोप को साबित करने के लिये अभियुक्तगण द्वारा आपराधिक अभित्रास कारित किया जाना अभियोजन को साबित करना आवष्यक है।
- क्या इसी दिनॉंक, इसी समय व इसी स्थान आरोपी ने प्रार्थी को संत्रास कारित करने के आशय से जान से मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास कारित किया?
- क्या इसी दिनॉंक, इसी समय व इसी स्थान पर आरोपी ने प्रार्थी को संत्रास कारित करने के आशय से जान से मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास कारित किया?
- एएसपी राजेश सिंह ने बताया कि धमकी भरा पत्र मिलने के बाद पुलिस ने पत्र मजिस्ट्रेट को दिखाकर उनकी अनुमति से आईपीसी की धारा 506 के तहत आपराधिक अभित्रास का मामला दर्ज किया था।
- " इस तरीके से यदि काई व्यक्ति किपी अन्य व्यक्ति के शरीर, ख्याति या सम्पत्ति को, या किपी ऐसे व्यक्ति के शरीर या ख्याति को, जिससे वह व्यक्ति हितबद्ध हो, क्षति पहुंचाने की धमकी देता है, तो वह कृत्य आपराधिक अभित्रास की परिधि में आयेगा और वह धारा-506भा0दं0सं0 के अंतर्गत दंडित होगा।
- इसी क्रम में दिनांक 2-4-2008 को रात्रि में 23-45 बजे बहद ग्राम लवायनकलां अन्तर्गत थाना औद्योगिक क्षेत्र इलाहाबाद में अभियुक्तगण ने उपरोक्त धनराशि न मिलने के कारण एक राय होकर मृतका को कट्टे से गोली मार दिया, मृतका को जान से मारने हेतु अभियुक्तगण द्वारा आपराधिक षडयन्त्र किया गया और बाद में घटना होने के बाद मृतका के मायके वालों का आपराधिक अभित्रास करके जान से मारने की धमकी देते रहे।
- " अतः अभियोजन द्वारा परीक्षित साक्षीगण के साक्ष्यो से अभियोजन का यह कथन साबित नही होता है कि अभियुक्तगण ने परिवादी को लोक षान्ति भंग कराने को प्रकोपित करने के आषय से उसका साषय अपमान करते हुये उसे कोई गाली दी थी एवं आपराधिक अभित्रास करते हुये परिवादी को कथित धमकी दी थी जिसके फलस्वरूप अभियुक्तगण पर लगाये गये भारतीय दण्ड संहिता की धारा 504 एवं 506 के आरोप सन्देह के परे साबित नही होते है।
- मेरे विधिक जानकारी के अनुसार ये कार्य और गतिविधियां निम्न अपराधों के अंतर्गत भी सीधे-सीधे आते हैं आते हैं-“ जानबूझ कर सामाजिक विद्वेष पैदा करना, नफरत और शत्रुता के भाव पैदा करना, राष्ट्र की अखंडता तथा राष्ट्रीय एकता को नुकसान करने हेतु गलत ढंग से प्रभावित करने वाले वक्तव्य देना, लोक न्यूसेंस, जानबूझ कर किया गया अपमान जिससे लोक शांति भंग होने संभावित हो, लोक रिष्टिकारक वक्तव्य तथा आपराधिक अभित्रास ”.
- अतः उक्त विवेचना के आधार पर निष्कर्ष यह निकलता हैं कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियोजन यह तथ्य प्रमाणित करने में सफल रहा हैं कि आरोपी द्वारा दिनॉंक-26 / 06/04 को शाम 06.30 बजे मुरली की दुकान के सामने गिदवानी पार्क के पास बैरागढ़, भोपाल में फरियादी विजय बंजारा को सार्वजनिक स्थान पर अश्लील गालियॉं देकर क्षुब्ध किया तथा उसे उपहति कारित करने का सामान्य आशय बनाया तथा उसके अग्रसरण में धारदार हथियार ब्लेड मारकर उपहति कारित की संत्रास कारित करने के आशय से जान से मारने की धमकी देकर आपराधिक अभित्रास कारित किया।